राजनांदगांव। चाय की बात आते ही इसका सेवन करने वाले के चेहरे पर बरबस रौनक आ जाती है। इस चाय के बिना उसे सुस्ती व अटपटा लगता है। वैसे भी आजकल चाय, पानी किसी भी आने वाले अतिथि को लोग पेश करते है और यह एक तरह से समाजिक सम्मान का प्रतीक भी बनता जा रहा है। खैर अब लोग लॉकडाऊन के चलते किसी अन्य के यहां नहीं जाकर घर में चाय पीकर पीएम व सीएम साहब के आदेश का पालन कर रहे है और इस वायरस से जंग लड़ने में मदद कर रहे है, लेकिन परेशानी उन बेचारे व गरीब जरूरतमंदों व बघेर बार की है, जिन्हें चाय की तलब भी लगती है तो वह मन में किसी के द्वारा चाय मिलने की आस रखते है। ऐसे लोगों के शाम को टी टाइम की यह आस शहर के दो सगे भाइयों ने पूरी करने का यह बीड़ा उठाया है और लगभग दस दिन में यह कार्य कर रहे है। शाम पौने पांच बजते ही यह दोनों भाई एक दुपहिया में दस लीटर चाय का केन लेकर निकलते है और शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मी सहित सेवा में लगे डायवरों व थानों के साथ ऐसे बेघर बार जरूरतमंदों को सम्मान के साथ चाय, टोस्ट व अन्य सूखा सामान देते है। पुलिस के जवान व ऐसे जरूरतमंद गरीब लोग भी उनके आने का इंतजार करते है, उनका इंतजार करने वालों में नरेन्द्र राय, बैसाखु यादव, निजाम पटेल, बंशी यादव, सीता बाई, मनटोरा है यह सब कहते है कि हमें सुबह से चाय नहीं मिल रही है। ऐसे में शाम को यह चाय मिलती है तो हमें बहुत अच्छा लगता है। दोनों भाइयो का मानना है कि इतनी बड़ी आपदा व लॉकडाउन मे लोग बड़ी-बड़ी मदद कर रहे है तो हम छोटी मदद कर ही सकते है।
चाय पीकर ताजगी महसूस कर रहे गरीब और जरुरतमंद लोग