राजनांदगांव । कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी द्वारा किसानों को धान फसल की सुरक्षा के लिए समसामयिक सलाह देते हुए फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों को अपनाने कहा गया है। मौसम पुर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में मध्यम वर्षा होने की संभावना है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए कवकनाशी एवं उवर्रकों का छिड़काव, मौसम साफ रहने पर ही करें। धान गभोट एवं बाली निकलने की अवस्था में हो तो नत्रजन उवर्रक की तीसरी मात्रा 40 किलोग्राम प्रति हेक्टर यूरिया (टॉप ड्रेसिंग) के रूप छिड़काव करें।

झुलसा रोग (ब्लास्ट) के लक्षण दिखाई दे तो रोकथाम के लिए नाटिवो 75 डब्ल्यूजी 0.4 ग्राम प्रति लीटर या ट्राइसाइक्लाजोल कवकनाशी जैसे बीम या बान एवं अन्य समान उत्पाद 6 ग्राम प्रति 10 लीटर में से किसी एक रसायन का छिड़काव 12-15 दिनों के अंतर मेन करें। पत्ती मोड़क (चितरी) का प्रकोप 1 से 2 प्रति पत्ती पौधा होने पर फिप्रोनिल 5 एससी 800 मिली प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
गंधी बग कीट की रोकथाम के लिए, इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 50 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। तना छेदक कीट के लक्षण दिखाई देने पर कर्टाप हाइड्रोक्लोराइड 50 डब्लूपी 1 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर काल्डेन, कैरीड, मोर्टार एवं अन्य समान उत्पाद या क्लोरेन्ट्रानिलीप्रोल 150 मिली प्रति हेक्टेयर फटेरा, कोरेजन, फटेगोल्ड, लेपिडोज एवं अन्य समान उत्पाद की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। तना छेदक कीट की निगरानी के लिए 2-3 फेरोमोन ट्रेप प्रति एकड़ एवं प्रकोप अधिक होने पर 8-10 फेरोमोन ट्रेप का उपयोग नियंत्रण हेतु करें। शीथ ब्लाइट रोग के लक्षण दिखाई देने पर हेक्साकोनाजोल नामक कवकनाशी 1 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें।
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