नारायणपुर : जिले में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत् मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने बीते 15 जनवरी से जिले के दोनों विकासखण्ड नारायणपुर और ओरछा में अभियान शुरू हो गया है। मलेरिया सर्वेक्षण दल प्रत्येक घरों में दस्तक देकर मलेरिया की जांच कर रही है। इन दलों के द्वारा घरों के साथ-साथ  स्कूलों, आश्रम-छात्रावासों और पैरा-मिलेट्री कैंपों में जाकर मलेरिया की जांच की जा रही है। जिले करीब डेढ़ लाख लोगों के खून की जांच करेगी और मलेरिया पाए जाने पर त्वरित ईलाज एवं निःषुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराएगी। ईलाज शुरू करने के बाद मरीजों का फालो-अप भी किया जाएगा।

            प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में अब तक 21735 लोगों के खून की जांच की गयी है। जिसमें नारायणपुर विकासखंड के 17465लोगों एवं ओरछा विकासखंड के 4270 लोगों की ख्ूान की जांच की गयी है। जिनमें से 315 गर्भवती महिला में से 21 गर्भवती महिलाओं,  7259 महिला 277 महिलाओं में, 6726 पुरूषों से 234 पुरूषों में तथा 15 वर्ष से कम उम्र के 7435 बच्चांे में से 975 बच्चों में मलेरिया पॉजिटिव पाया गया। जिले में अब तक कुल 1504 लोग मलेरियाग्रस्त पाये गये है। जिनका ईलाज प्रारंभ कर दिया गया है।

कलेक्टर श्री पी एस एल्मा द्वारा मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की गतिविधियों पर सतत् निगरानी रखी जा रही है। वहीं उन्होंने दैनिक जानकारी से अवगत कराने के निर्देष स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने इस महत्वाकांक्षी अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की सर्वेक्षण टीम हरेक घर में पहुंचकर लोगों की मलेरिया जांच कर मलेरिया धनात्मक प्रकरण पाये जाने पर सम्पूर्ण उपचार सुनिश्चित करनेे कहा है। इसके साथ ही लोगों को मलेरिया से बचाव के बारे में जानकारी प्रदान कर जागरूक करने भी कहा है। कलेक्टर श्री एल्मा ने बताया कि मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत् मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण से मुक्त करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में लगे सभी अधिकारी-कर्मचारी जिम्मेदारीपूर्वक अपना दायित्व निर्वहन करेें,इस कार्य में लापरवाही न बरतें।

बीते दिनों संचालक महामारी नियंत्रण एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ आर.आर. सहानी ने मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के तहत् नारायणपुर जिले में चल रहे मलेरिया मास स्क्रीनिंग का निरीक्षण किया। उन्होंने इस कार्य में लगे कर्मचारियांे एवं ग्रामीणों को बताया कि नियमित रूप से मच्छरदानी का उपयोग करने सहित घर के आसपास जल भराव रोकने तथा गन्दे पानी की निकासी करने, पेयजल स्रोतों यथा हैंडपंप या सोलर ड्यूल पम्प के समीप सोख्ता टैंक बनाने, घर में स्वच्छता और साफ-सफाई रखने, शुद्ध पेयजल का उपयोग करने, गर्म एवं ताजा भोजन का सेवन करने तथा बुखार से पीडि़त होने पर शीघ्र खून की जांच करवाकर उपचार कराने से ही मलेरिया से बचा जा सकता है। मलेरिया से बचाव के लिये सबसे ज्यादा जरूरी मच्छर के काटने से बचना है। इसलिए विशेष तौर पर सोने के दौरान मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करना चाहिये। मलेरिया के रोकथाम के लिए जि़ले में एल.एल.आई.एन. मेडिकेडेट मच्छरदानी पूरे नारायणपुर में शासन द्वारा बांटा जाएगा। इसके साथ ही घर के आसपास मच्छरों को रोकने के लिये उपाय करना जरूरी है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ए.आर. गोटा ने बताया कि सघन मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 15 जनवरी से 14फरवरी तक जिले के प्रत्येक घरों में 187 मलेरिया सर्वेक्षण दलों द्वारा हरेक लोगों की जांच एवं उपचार किया जा रहा है। इसके साथ ही स्कूल, आश्रम-छात्रावासों सहित आवासीय विद्यालयों तथा पैरा-मिलेट्री कैम्पों में भी हरेक बच्चों और जवानों का मलेरिया जांच एवं उपचार भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोगों में मलेरिया के प्रति  जागरूकता लाने हेतु कला जस्था के माध्यम से प्रचार किया जा रहा है। साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग नारायणपुर द्वारा बैनर, पोस्टर, पाम्पलेट के द्वारा लोगों मे जागरूकता लायी जा रही है।

By kgnews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *