– जिला पंचायत अध्यक्ष एवं कलेक्टर कार्यक्रम में हुए शामिल
– ग्राम गोर्रापार के किसानों के आग्रह पर शिविर में पहुंचे कलेक्टर
– ग्राम गोर्रापार के किसानों ने मिसाल कायम करते हुए फसल चक्र परिवर्तन करते हुए धान के बदले मक्का एवं अन्य फसल लगाई
– किसानों को नवीनतम तकनीक के प्रति किया गया जागरूक
– कृषि रथ के माध्यम से किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में दी गई जानकारी
– स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से किसानों को अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करने के लिए किया गया प्रेरित
– डीएपी के वैकल्पिक खाद के तौर पर अन्य खाद का उपयोग करें उपयोग

राजनांदगांव। विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 अंतर्गत किसानों को नवीनतम तकनीक के प्रति जागरूक करने तथा शासन की योजनाओं के संबंध में जानकारी देने छुरिया विकासखंड के ग्राम गोर्रापार में शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष किरण वैष्णव एवं कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान फसल चक्र परिवर्तन को अपनाते हुए तथा ग्रीष्मकाल में धान के बदले कम पानी की आवश्यकता वाली फसल मक्का की खेती करने वाले ग्राम गोर्रापार के किसानों के आग्रह पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे शिविर में पहुंचे। ग्राम गोर्रापार के किसानों ने मिसाल कायम करते हुए धान के बदले अन्य फसलों को बढ़ावा देते हुए 149 किसानों ने 101 हेक्टेयर में मक्का, चना, गेहू, तिवरा, मटर, उड़द, मुंग, मुंगफल्ली की फसल लगायी है।

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इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष एवं कलेक्टर ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, अरहर मिनी कीट, किसान क्रेडिट कार्ड, धान बीज, कृषि ऋण चेक का वितरण किया। इस अवसर पर कृषि रथ के माध्यम से किसानों को शासन की विभिन्न योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।
जिला पंचायत अध्यक्ष किरण वैष्णव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक यहां पहुंचे है। किसान खेती के नवीनतम तकनीक व शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेकर लाभ ले सकते है। उन्होंने कहा कि किसानों को जैविक खाद का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। रासायनिक खाद का अधिक उपयोग करने से भूमि की उर्वरता खत्म होते जा रही है।

उन्होंने स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से किसानों को अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि फसल चक्र परिवर्तन करते हुए धान के बदले मक्का एवं अन्य फसल ले सकते है। शासन की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान, किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं किसानों के लिए हितकारी है। वही सरकार कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर और प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान खरीदी की जा रही है। उन्होंने जल संरक्षण एवं पौधरोपण के लिए सभी को प्रोत्साहित किया।

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कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान किसानों के लिए शासन की महत्वपूर्ण पहल है। आज कृषि विभाग एवं कृषि विभाग से जुड़े अन्य विभाग शासन की योजनाओं की जानकारी देने पहुंचे है। उन्होंने बताया कि ग्राम गोर्रापार के किसानों द्वारा फसल चक्र परिवर्तन करते हुए मक्के की फसल लगाई गई है, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में फसल चक्र परिवर्तन करते हुए यहां के अन्य किसान भी मक्के का रकबा बढ़ा सकते है। कंपनी द्वारा मक्का लगाने पर इसकी अच्छे मूल्य में ब्रिकी हो सकती है। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि किसानों को मक्का क्रय करने से जुड़ी कंपनी से जोड़े। उन्होंने किसानों को बताया कि जिले में डीएपी उर्वरक की कमी है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस उर्वरक की कमी है। उन्होंने किसानों से कहा कि डीएपी के वैकल्पिक खाद के तौर पर अन्य खाद का उपयोग करें। जिसका असर खेतों में दिखाई देगा। सहकारी समितियों में भी खाद की उपलब्धता है।

उन्होंने स्कूल में शिक्षकों कमी की समस्या बताए जाने पर कहा कि यहां स्थानीय स्तर पर किसी शिक्षक को अध्यापन कार्य के लिए रख लें, कलेक्टर कार्यालय से वेतन का भुगतान किया जाएगा। उन्होंने तालाब के किनारे बैठने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम के 400 मीटर सड़क को भी निर्माण कार्य अंतर्गत शामिल किया जाएगा। क्षेत्र के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डेय ने बताया कि कृषि रथ में प्रधानमंत्री किसान निधि, जैविक खेती, परंपरागत खेती, उन्नत बीज, उन्नत कृषि यंत्र, वैकल्पिक व संतुलित उर्वरक उपयोग, फसल चक्र परिवर्तन, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन प्रसंस्करण अंतर्गत लघु धान्य फसलों के संबंध में बताया गया। कृषि रथ में उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के साथ ही मछली पालन विभाग, पशुपालन विभाग के योजनाओं की जानकारी दी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि शिविर में सुगंधित जैविक धान बीज, नमूना प्रदर्शन किया गया। साथ ही जैविक नीमास्त्र एवं अन्य डीकम्पोस्ट घोल के संबंध में बताया गया। कोदो, कुटकी, कुलथी, अरहर, सुगंधित काली कमोद, सुगंधित बासमति छोटा दाना, जुगल, सुगंधित काले भरे फूल, रामलक्ष्मण, रेड राईस जैसी धान की विभिन्न वैरायटी के संबंध में किसानों को जानकारी दी गई। शिविर में बेल शर्बत, अंबाड़ी से स्वाथ्यवर्धक शर्बत भी प्रस्तुत किया गया। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को स्वाईल हेल्थ कार्ड का निर्माण करने तथा फसल चक्र परिवर्तन को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन विभाग के स्टॉल के माध्यम से किसानों को विभागीय विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इस अवसर पर साल एवं श्रीफल प्रदान कर शत्रुराम, भागवत, परवीन बाई, विष्णुराम, पुरन दास को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अध्यक्ष जनपद पंचायत छुरिया संजय सिन्हा, रविन्द्र वैष्णव,  एसडीएएम श्रीकांत कोर्राम, सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक गुंजन झा, उप संचालक पशुधन विकास डॉ. अरूप चटर्जी, लिड बैंक मैनेजर मुनीष शर्मा, सीईओ जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित प्रभात मिश्रा, तहसीलदार छुरिया अकांक्षा साहू, पूर्व जनपद पंचायत सदस्य हिरेन्द्र साहू, सरपंच गर्रापार अजय साहू, बालमुकुंद कुंजाम, ओमप्रकाश चंद्रवंशी एवं अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।

By kgnews

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