9.5 लाख की ऋण सहायता से शुरू किया सेंटरिंग प्लेट व्यवसाय, अब अर्जित कर रहे नियमित आय

महासमुंद। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी और प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को स्वयं का उद्यम स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें एक निश्चित प्रतिशत तक अनुदान (सब्सिडी) भी प्रदान किया जाता है।

इसी योजना के तहत महासमुंद विकासखंड के ग्राम खरोरा निवासी राजेंद्र चंद्राकर ने लाभ प्राप्त किया। चंद्राकर ने स्नातक स्तर तक शिक्षा प्राप्त की है। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् उन्होंने नौकरी की बजाय स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने का निश्चय किया, ताकि वे स्वावलंबी बन सकें। हालांकि, व्यवसाय की शुरुआत के लिए उनके पास आवश्यक पूंजी की कमी थी, जिससे उनका सपना साकार नहीं हो पा रहा था। इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, जिसने उनके लिए एक नई राह खोल दी।

इसी योजना का लाभ उठाने के उद्देश्य से चंद्राकर ने खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग, जिला पंचायत महासमुंद से संपर्क किया। उन्होंने विभाग से योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जिसमें उन्हें योजना के अंतर्गत पात्रता, आवेदन प्रक्रिया, अनुदान की सीमा, ऋण की शर्तें, एवं व्यावसायिक गतिविधियों की सूची जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं। विभाग की मार्गदर्शन एवं दिशा-निर्देशों के अनुसार चंद्राकर ने निर्धारित प्रारूप में अपना ऋण प्रकरण तैयार कर आवेदन जमा किया।

उनका ऋण आवेदन खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा औपचारिक रूप से पंजाब नेशनल बैंक, महासमुंद शाखा को अग्रेषित किया गया। बैंक द्वारा राजेंद्र के ऋण प्रकरण की विधिवत समीक्षा एवं मूल्यांकन के पश्चात उन्हें 9,50,000 की ऋण सहायता स्वीकृत की गई।

इस आर्थिक सहायता का उपयोग करते हुए राजेंद्र ने निर्माण कार्यों में उपयोग आने वाली लकड़ी की सेंट्रिंग प्लेटों की खरीदारी की। उन्होंने इन प्लेटों को स्थानीय शासकीय निर्माण कार्यों तथा निजी ठेकेदारों को किराये पर देना प्रारंभ किया। वर्तमान में वे प्रति फीट 05 रुपए की दर से सेंट्रिंग प्लेटों को किराए पर उपलब्ध कराते हैं। इनका उपयोग शासकीय भवन निर्माण तथा निजी निर्माण कार्यों में किया जाता है। सस्ती और सुलभ दरों के कारण इनकी मांग लगातार बनी हुई है, जिससे राजेंद्र को नियमित आय प्राप्त हो रही है और उनका व्यवसाय धीरे-धीरे सफलतापूर्वक विस्तार की ओर अग्रसर है। वर्तमान में चंद्राकर इस केंद्र के माध्यम से प्रतिमाह लगभग 30 से 35 हजार की आय अर्जित कर रहे हैं। साथ ही वे ऋण की मासिक किश्तों का समय पर और नियमित रूप से भुगतान कर रहे हैं। जिससे उनकी वित्तीय साख भी मजबूत हुई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के माध्यम से चंद्राकर न केवल अपनी आजीविका चला रहे हैं, बल्कि समाज में सम्मानजनक जीवन भी व्यतीत कर रहे हैं।

By kgnews

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