रायगढ़ । छत्तीसगढ़ के सबसे लंबे समय से खिंचते रायगढ़-सारंगढ़-सरायपाली नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट की तस्वीर अब भी साफ नहीं है। 8 साल बीत चुके हैं, लेकिन 86 किमी लंबे इस टू लेन सड़क निर्माण का काम अधूरा ही है। जून 2025 तक 30 किमी हिस्सा पूरा होना है, लेकिन कार्य की धीमी रफ्तार और बारिश के मौसम ने चुनौती बढ़ा दी है।

इस रोड को तीन हिस्सों में बांटकर ठेका दिया गया था। दानसरा से सरायपाली के बीच 29.96 किमी सड़क निर्माण का ठेका 57.98 करोड़ में मेसर्स सुभाष अग्रवाल को मिला है, जिसे 18 महीने में पूरा करना था। इस काम की समयसीमा 16 जून 2026 तय है, लेकिन अब तक प्रगति बेहद धीमी है। सरायपाली की ओर तो काम की शुरुआत भी नहीं हो पाई है।

दिवालिया कंपनी के चलते ठप पड़ा काम
प्रारंभ में इस प्रोजेक्ट का ठेका 328 करोड़ में एरा इंफ्रा को दिया गया था, लेकिन कंपनी दिवालिया हो गई। इसके बावजूद, पीडब्ल्यूडी के एनएच विभाग ने अधूरी सड़क के लिए भारी भुगतान कर डाले।

    रायगढ़ से दानसरा के बीच 45 किमी रोड पर 163 करोड़

    चंद्रपुर बायपास और पुल निर्माण के लिए 98 करोड़

अब विभाग 45 किमी सड़क को 35 करोड़ में पूरा करने की योजना बना रहा है। वहीं पुल निर्माण के लिए एनडीटी टेस्ट अनिवार्य किया गया है। चूंकि पुल का निर्माण केवल गर्मी में हो सकता है, इसलिए अब उसकी प्रक्रिया भी अगले साल की गर्मियों तक टलने की आशंका है।

बढ़ती लागत, घटती उम्मीद
बिलो में ठेका लेने के कारण अब ठेकेदार बढ़ती लेबर और मटेरियल लागत से जूझ रहा है। काम की गति इतनी धीमी है कि एक साल में 30 किमी सड़क बनाना मुमकिन नहीं दिख रहा।

पूर्व में इस प्रोजेक्ट को लेकर अफसरों पर ठेका और कंसल्टेंसी कंपनियों को बचाने के आरोप लग चुके हैं। लेकिन कोई जवाबदेही तय नहीं की गई है। जनता को आज भी अधूरी सड़क, धूल और गड्ढों से गुजरना पड़ रहा है।

अब सवाल यही है—क्या जून 2025 तक 30 किमी सड़क बन पाएगी या फिर यह प्रोजेक्ट और सालों तक रेंगता रहेगा?

By kgnews

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