आम आदमी का एक हजार रुपए जमा नहीं करने पर बिजली का कनेक्शन कट जाता है, लेकिन सरकारी विभागों पर ही लगभग 26 सौ करोड़ रुपए का बकाया है और बिजली विभाग की कार्रवाई केवल विभागों के साथ पत्राचार तक सीमित है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नियमित रूप से पत्राचार और नोटिस भेजे जाते हैं।
कुछ विभाग जवाब देते हैं। अधिकतर मामलों में फाइलें आगे बढ़ती हैं, लेकिन भुगतान नहीं होता है। दरअसल, राज्य के 45 विभागों ने लंबे समय से बकाए बिल नहीं भरे हैं। सरकार अपने ही विभागों से बिजली बिल वसूल नहीं पा रही है। पिछले तीन सालों में बकाए की राशि तीन गुने से भी ज्यादा हो गई है। इसमें अकेले दो विभागों पर ही 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। इसमें नगरीय प्रशासन विभाग पर 1548 करोड़ जबकि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पर 592 करोड़ बकाया है।
लगातार बढ़ रहा है बकाया बिल: दिसंबर 2023 की स्थिति में नगरीय निकाय पर 764 करोड़ बकाया था। जो फिलहाल लगभग 1548 करोड़ रुपए हो गया है। इसी तरह पंचायत विभाग का बकाया 2023 में 269 करोड़ रुपए, स्कूल शिक्षा पर 73 करोड़, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पर 62 करोड़ और चिकित्सा विभाग पर 58 करोड़ का बिजली बिल बकाया था।
सीधी बात – भीम सिंह कंवर, एमडी रेवेन्यू (बिजली) विभाग
सरकारी विभागों के कनेक्शन भी काटे गए
सवाल: सरकारी विभागों पर बकाए के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। – विभागों के साथ नियमित पत्राचार किया जाता है। निजी स्तर पर भी संपर्क किया जाता है। ऊर्जा सचिव के स्तर पर भी पत्राचार किया जाता है। सवाल: 26 सौ होने पर कनेक्शन काट दिया जाता है। इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। – सरकारी विभागों पर भी हमने कार्रवाई की थी। आवश्यक सेवाओं वॉटर और स्ट्रीट लाइट को छोड़कर कार्यालयों के कनेक्शन भी काटे गए थे।
अभी हमने 35 करोड़ का भुगतान किया है। निकायों को वेतन के साथ बिजली बिल के भुगतान के लिए बोला गया है। कुछ निकायों ने बिल्कुल भुगतान नहीं किया इसलिए बकाया बढ़ता जा रहा है।