छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की बेटी श्रद्धा साहू ने सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ एक मुहिम शुरू की बर्तन बैंक। 500 थाली, गिलास और चम्मच के साथ शुरू हुआ उनका बैंक लोगों को शादी समारोह से लेकर सामाजिक कार्य तक में फ्री बर्तन उपलब्ध कराता है। श्रद्धा की उनके ही मोहल्ले से की गई एक छोटी सी पहल अब पूरे प्रदेश में फैलने लगी है। खास बात यह है कि रायपुर नगर निगम ने भी उनकी इस मुहिम को अपना लिया है और पूरे शहर में 500 बर्तन बैंक खोलने जा रही है। श्रद्धा कहती हैं कि किसान की बेटी हूं। बचपन में पेड़ की टहनियां कटती तो देखकर रोती थी। ऐसे में बर्तन बैंक की ही टहनियां खोल दीं। 

उमरपोटी की रहने वाली श्रद्धा साहू ने बताया कि वर्ष 2016 में उन्होंने स्टील बर्तन बैंक की नींव रखी। 100 बर्तन के सेट के साथ इसकी शुरुआत की। सबसे पहले अपने मोहल्ले के ही आयोजन में निशुल्क दिया। इसे देखकर लोगों ने सराहा। फिर यहीं से आगे बढ़ते हुए अब भिलाई, दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव और बस्तर तक पहुंच गए। मकसद साफ है कि प्लास्टिक का बहिष्कार होना चाहिए। श्रद्धा ने बताया कि यह आइडिया वास्तविक रूप से हमारी संस्कृति से आया है। पहले सार्वजनिक भोज होता था तो लोग अपने घरों से स्टील की थाली और गिलास लेकर जाते थे। प्लास्टिक बैन को लेकर आयोजन तो होते हैं, पर होता कुछ नहीं। 

रायपुर में खुलेंगे 500 बर्तन बैंक
श्रद्धा साहू ने बताया कि उनके इस मुहिम को भिलाई नगर निगम, उतई नगर निगम, रिसाली नगर निगम और रायपुर नगर निगम ने अपनाया है। रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने पूरे शहर में 500 जगह बर्तन बैंक खोलने का फैसला लिया। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। ऐसे ही प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इस अभियान को अपनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि बस्तर संभाग, बालोद, दुर्ग, राजनांदगांव में यह पहल बहुत सफल हुई है। बालोद के नयापारा में जागेश्वरी साहू, राजनांदगांव में ओमकार साहू और जगदलपुर में तरुणा साहू इस अभियान को आगे बढ़ा रही हैं।

गोल्डन बुक में दर्ज कराया नाम
बर्तन बैंक के द्वारा स्वयं के स्टील गिलास से 126 कार्यक्रम में लोगों को प्लास्टिक मुक्त अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिए स्टील गिलास के माध्यम से पानी पिलाया। उनकी इस मुहिम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से श्रद्धा कई जगहों पर बर्तन बैंक स्थापित कर चुकी हैं। श्रद्धा साहू का प्रकृति के सरंक्षण के लिए की गई इस शुरुआत को देखते हुए भिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें शक्ति स्वरूपा सम्मान, वीरांगना सम्मान, अतुल्य शक्ति नारी सम्मान, कर्मा मैय्या सम्मान, शामिल हैं। 

पत्तों के उपयोग पर फोकस
श्रद्धा साहू स्टील बर्तन के साथ साथ पत्तों से बने थालियों को उपयोग के लिए भी प्रेरित करती हैं। उनका मानना है की वह पत्ते खेतों में जाकर खाद बनते हैं या फिर मवेशी भी आसानी से खा जाते हैं। वो प्राकृतिक वस्तु है, लेकिन प्लास्टिक की थालियां मवेशियों से लेकर मिट्टी और पर्यावरण सब के लिए हानिकारक हैं। श्रद्धा साहू का मानना है की किसी भी अभियान का शुरुआत स्वयं से होती है। इसीलिए वो चाहती है कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हो और स्वयं से इस अभियान में शामिल होकर अपनी जिम्मेदारी समझें। प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया इसके बदले अब हमे प्रकृति को कचरा नहीं देना चाहिए। 

आपको जरूरत है तो इस मोबाइल नंबर पर करें कॉल
बर्तन बैंक यानी वह व्यवस्था जिसमें आपको अपने घर में किसी पार्टी या आयोजन के लिए बर्तन मिल सकेंगे। इसे न किराए पर लेने पड़ेंगे और न ही डिस्पोजेबल बर्तन खरीदने होंगे। बस एक कॉल पर आप मुफ्त में स्टील के बर्तन ले जा सकेंगे। हालांकि शर्त यह है कि जो बर्तन ले जाएंगे, उसको वापस करना पड़ेगा। अगर आपको स्टील के बर्तन की जरूरत है तो 9131646674 में कॉल कर संपर्क कर सकते हैं। जिसके बाद आप समूह की ओर से बताए गए स्थान में पहुंचकर बर्तन ले जा सकते हैं। इस पहल से लोगों को अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा।

By kgnews

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