राजनांदगांव। जिले की ख्याति प्राप्त संस्था शाला गायत्री विद्यापीठ में आज वार्षिक खेल महोत्सव का शानदार दूसरा दिन रहा जिसमें कक्षा 3री से 5वीं तक के विद्यार्थियों हेतु विभिन्न खेलों का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य रूप से गायत्री शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री बृजकिशोर सुरजन, उपाध्यक्ष श्रीमती संध्यादेवी सिंघल, श्री राजेश जैन, सचिव श्री गगन लड्ढा, सहसचिव निकुंज सिंघल, कोषाध्यक्ष सूर्यकान्त चितलांग्या, संरक्षक श्री नंदकिशोर सुरजन, सांस्कृतिक प्रभारी श्री हरीश गांधी, शाला की प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर, श्रीमती पिंकी खंडेलवाल, उपप्राचार्य श्रीमती रश्मि ठाकुर, श्रीमती वंदना डुंभरे, प्रशासक अनिल वाजपेयी, समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं, पालकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। स्वागत भाषण प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने पालकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा का मुख्य उद्देश्य ज्ञान के साथ-साथ अनेक विधाओं में बच्चों को पारंगत करना जिसके माध्यम से देश का प्रत्येक विद्यार्थी अपने जीवन में आने वाली बाधाओं से लड़ सके। इसी कड़ी में खेल एक महत्वपूर्ण कड़ी है। मैं कार्यक्रम में आए हुए समस्त पालकों का हृदय से स्वागत-अभिनंदन करती हूँ। साथ ही साथ पालकों से भी निवेदन करती हूँ कि वे बच्चों के खेल से स्वयं जुड़कर अपने पुरानी स्मृतियों को ताजा करने का भी आह्वान करती हूँ। यह ऐसी महत्वपूर्ण विधा है जो हर किसी को उमंग व उत्साह से भर देती है। इसी कार्यक्रम में सीजी बोर्ड की प्राचार्य श्रीमती पिंकी खण्डेलवाल द्वारा भी उद्बोधन में सभी का उत्साहवर्धन किया गया। आयोजन में सर्वप्रथम गुरु वंदना एवं सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया गया।

विभिन्न खेलों में मुख्य रूप से सेक रेस, स्कीपिंग रेस, रीले रेस, हर्डर रेस, मोबाइल थीम पर डांस आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। पालकों एवं विद्यार्थियों ने इस आयोजन का भरपुर आनंद उठाया। समस्त खेल मैदान आरंभ से लेकर अंत तक तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान था। जिसमें नृत्य शिक्षिका भारती यादव, योग शिक्षिका भारती साहू, प्राइमरी विभाग प्रमुख दिव्या राठौर एवं समस्त शिक्षकों का विशेष योगदान रहा। संपूर्ण आयोजन प्राचार्य श्रीमती वत्सला अय्यर के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन सीमा गायधने एवं रेणुका दास, कविता रंजन, रूची तिवारी द्वारा किया गया। आयोजन के अंत में विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया।उक्त जानकारी शाला की व्याख्याता श्रीमती उषा झा ने दी।
