राजनांदगांव सुशासन दिवस पर सोमवार को किसानों के खाते में सात साल पुराने दो साल के बकाया बोनस की राशि डाली गई। मंगलवार को दूसरे ही दिन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में किसानों को मेला लग गया। जिलभर से बड़ी संख्या में किसान बोनस की राशि निकालने बैंक पहुंचे थे। किसानों को ठगी से बचाने वहां पुलिस बल को तैनात करना पड़ा। किसानों से बैंक संबधित काम, फॉर्म भरने, नकतद निकालने, नोटों को जमाने एवं गिनती करने का हवाला हाल ही में किसानों से ठगी के मामले सामने आए थे। ग्राम टेडे़सरा में सोमवार को समारोह आयोजित में जिले के 1 लाख 5 हजार 480 किसानों के खाते में 300 रुपए प्रति क्विंटल धान की दर से 140 करोड़ 30 लाख 93 हजार रुपए डाले गए। बैंक में कई किसान केवल पासबुक में एंट्री कराने पहुंचे जिससे यह स्पष्ट हो सके कि उन्हें बोनस की कुल कितनी राशि मिली है। बैंक के सामने एटीएम में भी दिनभर किसानों की हावाजाही लगी रही। बोनस की राशि को लेकर चर्चा होती रही। हालांकि पहले ही दिन कितने किसानों ने बोनस की कितनी राशि निकाली इसकी जानकारी बैंक एक दो दिनों में देगा। मंगलवार को धान खरीदी केन्द्रों में भी बड़ी संख्या में किसान बोनस की राशि के विषय में जानकारी लेने पहुंचे। किसानों को यह भी कहना है कि सात पहले अगर उनके पिता ने धान विक्रय किया। इसके बाद भूमि का बंटवारा हो गया और पिता का खाता बंद नहीं था ऐसे में क्या बोनस की राशि उस खाते में आएगी और खाता बंद करने की सूचना देकर उस राशि को उस परिवार के सदस्य या खाता खोले जाने के समय तय किए गए नॉमिनी द्वारा राशि निकाली जा सकती है। इस तरह की गई जानकारी लेने किसान समिति प्रबंधकों के पास पहुंचे थे। तीन दिन बाद बैंक खुलने के कारण भीड़ उमड़ पड़ी तीन दिनों के सरकारी अवकाश के बाद मंगलवार को बैंक खुलते ही जिलेभर से बड़ी संख्या में किसान बोनस की राशि खाते में पहुंची या नहीं इसकी जांच करने तो कुछ बोनस की राशि निकालने एवं कई किसान वर्तमान सीजन का धान बेचने के बाद इसकी राशि निकालने बैंक पहुंचे थे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में सुबह से शाम तक किसानों की लंबी कतारें लगी रही। शनिवार और रविवार अवकाश के बाद सोमवार को क्रिसमस का अवकाश रहा। लगातार तीन दिन छुट्टी से मंगलवार को वहां भीड़ उमड़ पड़ी।