CG : छत्तीसगढ़ में कलमबंद-कार्यालय बंद आंदोलन: सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा…

रायपुर । छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले शुक्रवार से शुरू हुए कलमबंद-कार्यालय बंद आंदोलन का पहले ही दिन व्यापक असर दिखाई दिया। राजधानी स्थित इंद्रावती भवन से लेकर प्रदेशभर के सरकारी दफ्तरों में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। यूनिवर्सिटी और स्थानीय निकायों में भी सन्नाटा पसरा रहा।

फेडरेशन ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर यह बेमुद्दत आंदोलन शुरू किया है। कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (DA), DA एरियर्स का भुगतान, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करना, पंचायत सचिवों का शासकीयकरण, संविदा और अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण तथा सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।

फेडरेशन अध्यक्ष कमल वर्मा ने आंदोलन को लेकर कहा कि यदि सरकार ने समय पर मांगों पर संज्ञान नहीं लिया, तो 30 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की जाएगी।

धरना स्थलों पर बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। इंद्रावती भवन में फिर से तालाबंदी जैसी स्थिति बन गई है। इससे पहले कांग्रेस शासनकाल में भी इसी तरह की बेमुद्दत हड़ताल 17 दिनों तक चली थी, जिसने पूरे प्रशासनिक कामकाज को ठप कर दिया था।

कर्मचारी संगठनों का दावा है कि इस बार आंदोलन में प्रदेशभर के कर्मचारियों की अभूतपूर्व एकजुटता देखने को मिल रही है।

ये है फेडरेशन की प्रमुख मांगे
-केंद्र सरकार के समान कर्मचारियों एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाए।
-DA एरियर्स की राशि कर्मचारियों के GPF खाते में समायोजित की जाए।
-सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए।
-लिपिकों, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगतियों को दूर करने पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए।
-प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए।पंचायत सचिवों का शासकीयकरण किया जाए।
-सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन एवं समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए।
-अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग में शिथिलीकरण की जाए।
-प्रदेश में कैशलेश सुविधा लागू की जाए।
-अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस की जाए।
-दैनिक,अनियमित,संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बने।
-सभी विभागों में समानता लाते हुए सेवानिवृत्त आयु 65 वर्ष की जावे।

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