CG : छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने भूमि डायवर्सन प्रक्रिया को डिजिटल और ऑनलाइन करने का बड़ा फैसला लिया…

डायवर्सन के लिए सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं

रायपुर । छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने भूमि डायवर्सन प्रक्रिया को डिजिटल और ऑनलाइन करने का बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के नागरिक अपने घर बैठे भूमि डायवर्सन के लिए आवेदन कर सकेंगे और सक्षम प्राधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। यह व्यवस्था राज्य के सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होगी। राजस्व विभाग ने इसकी अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित कर दी है। सरकार के अनुसार, नई ऑनलाइन व्यवस्था से डायवर्सन प्रक्रिया पारदर्शी, सरल और समयबद्ध होगी। अब किसानों, भूमि मालिकों और परियोजना संचालकों को एसडीएम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

नई प्रणाली के तहत भूमि स्वामी सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करेगा और संबंधित क्षेत्र के अनुसार भू-राजस्व और प्रीमियम दर का ऑनलाइन भुगतान भी करना होगा। प्रक्रिया और समय सीमा आवेदन संबंधित जिले के एसडीएम कार्यालय को ऑनलाइन प्राप्त होगा। नियम के अनुसार, एसडीएम को 15 दिनों के भीतर डायवर्सन आदेश जारी करना अनिवार्य होगा। यदि निर्धारित समय में आदेश नहीं जारी किया गया, तो 16वें दिन ऑटोमेटिक सिस्टम के माध्यम से आदेश स्वतः जारी होगा और डायवर्सन स्वतः मान्य माना जाएगा।

इससे पहले डायवर्सन प्रक्रिया लंबी और जटिल मानी जाती थी, जिसमें एसडीएम को आदेश जारी करने के लिए 60 दिन तक का समय मिलता था, फिर भी लोगों को बार-बार कार्यालय जाना पड़ता था। नई व्यवस्था से लंबित मामलों में कमी आएगी और अघोषित लेन-देन पर रोक लगेगी। क्षेत्र और आवेदन नई प्रणाली में नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों, नगर निगम और नगरपालिका की बाह्य सीमाओं से 5 किमी क्षेत्र, नगर पंचायत क्षेत्रों और नगर पंचायत की बाह्य सीमाओं से 2 किमी क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भूमियों के डायवर्सन के लिए सक्षम प्राधिकारी की अनुमति आवश्यक नहीं होगी। सक्षम प्राधिकारी द्वारा विहित रीति से उक्त भूमियों का पुनर्निर्धारण किया जाएगा।

प्रीमियम दरें और वर्गीकरण डायवर्सन के लिए नई प्रीमियम दरें तय की गई हैं। यह दरें लगभग 3 रुपये प्रति वर्गमीटर से लेकर 25 रुपये प्रति वर्गमीटर तक होंगी। दरें नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्रों के अनुसार भिन्न होंगी। इसके अलावा, आवासीय, कॉलोनी परियोजना, वाणिज्यिक, औद्योगिक, मिश्रित उपयोग, सार्वजनिक, संस्थागत, चिकित्सा सुविधाएं और विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के अनुसार भी अलग-अलग प्रीमियम दरें लागू होंगी। सरकार का दावा है कि यह नई डिजिटल प्रक्रिया न केवल समय और प्रशासनिक बोझ को कम करेगी, बल्कि भूमि डायवर्सन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी।

इससे किसानों और भूमि मालिकों को तेजी से परियोजना कार्यों और निर्माण योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। लाभ और प्रभाव आवेदन घर बैठे ऑनलाइन करने की सुविधा। एसडीएम कार्यालय के चक्कर कम होंगे। 15 दिन के भीतर आदेश जारी करने की बाध्यता। लंबित प्रकरणों में कमी। अघोषित लेन-देन और भ्रष्टाचार पर रोक। भूमि स्वामियों और परियोजना संचालकों को समयबद्ध सेवा। विभिन्न क्षेत्रों और उपयोग के लिए अलग-अलग प्रीमियम दरें। नई ऑनलाइन व्यवस्था से राज्य के नागरिकों को भूमि डायवर्सन प्रक्रिया में आसानी, पारदर्शिता और समय की बचत होगी। इससे न केवल किसानों और भूमि मालिकों का समय बचेगा, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली भी अधिक प्रभावी और जवाबदेह होगी।

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