भिलाई । दिल्ली में फिर गूँजा ललित कला अकादमी का रीजनल सेन्टर भिलाई में खोले जाने की मांग। समय था लंबे समय बाद होने वाले एक्जीक्यूटिव बोर्ड मीटिंग का जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से प्रथम बोर्ड मेम्बर डॉ.अंकुश देवांगन ने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने सदन को जानकारी दी है कि इसके लिए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष सांसद विजय बघेल ने इसे मुख्य मांग में शामिल किया है जिसका क्रियान्वयन अब राज्य शासन की जिम्मेदारी है। इस पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संस्कृति सचिव राजीव कुमार, ज्वाइंट सेक्रेटरी फाइनेंस, ललित कला अकादमी के कार्यकारी चेयरमेन तथा देश भर से आए हुए समस्त बोर्ड मेम्बर ने सहमति जताई है।
ज्ञात हो कि भिलाई मे ललित कला अकादमी के रीजनल सेन्टर की मांग अनेक वर्षों से जारी है। देश दुनिया भर में फैले छत्तीसगढ़ के कलाकार इसके लिए लामबंद हैं और आंदोलनरत् हैं। इसके लिए वे बकायदा सृजनात्मक गतिविधियों के माध्यम से अपनी बातों को मुखर कर रहे हैं। आनलाईन और ऑफलाईन टाक शो तथा कला प्रदर्शनी द्वारा वे बड़े ही धैर्यपूर्वक इस आंदोलन की अलख जगा रहे हैं। दुर्ग के सांसद विजय बघेल जी स्वयं ही उनके इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं जिससे छत्तीसगढ़ी कलाजगत से जुड़े तमाम लोगों में विशेष उत्साह है। सांसद विजय बघेल का स्वयं कलाकार होना और छत्तीसगढ़ी कलाकारों के प्रति उनके समर्पण से यहां के समस्त कलाकार और बुद्धिजीवी मान रहे हैं कि यह मांग पूर्ण होकर रहेगी। सांसद द्वारा चुनावी घोषणा पत्र में इस मांग को शामिल करने से इसके पूर्ण होने की संभावना और बढ़ गई है। उनके प्रयास को छत्तीसगढ़ी कला-संस्कृति के विकास में मील का पत्थर माना जा रहा है। वहीं सांसद की पहल पर भिलाई इस्पात संयंत्र ने भी अपने सर्वसुविधायुक्त हाईस्कूल भवन को देने की पेशकश की है। इस तरह से रीजनल सेन्टर के रास्ते में आने वाले सारे व्यवधानो को दूर किया जा चुका है। प्रख्यात मॉडर्न आर्ट चित्रकार डी.एस.विद्यार्थी ने बताया कि ललित कला के सभी सेन्टर आजादी के समय ही बनाए गए थे और उसके बाद से आज तक कोई नया सेन्टर नहीं बना है। उन्हें उम्मीद है कि सांसद विजय बघेल की पहल पर यह सूखा शीघ्र ही खत्म होगा। नई दिल्ली के बोर्ड मीटिंग में अंकुश के प्रस्ताव पर सकारात्मक चर्चा होने से सुप्रसिद्ध चित्रकार बी.एल.सोनी, मोहन बराल, मीना देवांगन, रंगकर्मी प्रवीण कालमेघ, विजय शर्मा, विमान भट्टाचार्य और साहित्यकार मेनका वर्मा ने उन्हें साधुवाद दिया है।