खैरागढ़. शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवो की अनिश्वितकालीन हड़ताल शुरू हो गई। अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते पंचायत मुयालयों में सोमवार से ही ताले लटकने लगे हैं। पंचायत चुनाव के बाद हाल ही में अपना पद संभालने वाले पंचायत के प्रतिनिधियों को सचिवाें की हड़ताल के चलते नए कार्याें की व्यवस्था बनाने में अड़चनें शुरू हो र्गइं। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र में शामिल पंचायत सचिवो के शासकीयकरण के वादे को पूरा नहीं करने और वर्तमान बजट में शामिल नहीं करने पर प्रदेश पंचायत सचिव संघ प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू चुका है। इसका व्यापक असर अब पंचायत के नए सत्र में पड़ना है।
आवास सर्वे सहित अन्य कार्य प्रभावित
पंचायत सचिवों की हड़ताल का ग्राम पंचायतों में व्यापक असर पड़ने वाला है। सोमवार को पंचायत सचिवों ने राजधानी रायपुर जाकर प्रदर्शन किया। जबकि मंगलवार से मुयालयों में ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का सबसे ज्यादा असर पंचायतों में मनरेगा के जारी कार्याें पर पडे़गा। पंचायतों में फिलहाल मनरेगा के तहत ही कार्य जारी है। सचिवों की हड़ताल से सोमवार से मनरेगा के कार्य बंद हो गए। इसके अलावा नए प्रधानमंत्री आवास टू के सर्वे पर हड़ताल का व्यापक असर पडे़गा। पंचायतों में ग्रामीण आवास के लिए सर्वे का कार्य चल रहा है। पंचायत सचिवों की हड़ताल में जाने से सर्वे कार्य पूरी तरह ठप हो गया है। इससे कई पात्र हितग्राही भी आवास के सर्वे से वंचित हो जाएंगे। पंचायतों में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने कार्यभार संभाला है। ऐसे में पंचायत के लेखा-जोखा, पूर्व प्रतिनिधियों के हिसाब-किताब की कार्यवाही भी अटक गई है। पंचायतों में जन्म मृत्यु, विवाह पंजीयन राशनकार्ड, पेंशन सहित अन्य कार्यों पर भी विराम लग गया है।