मोहला । धरती आबा जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत जिले में जनसहभागिता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया। इस अभियान का उद्देश्य स्थानीय संसाधनों के संरक्षण, सतत विकास और ग्रामीण भागीदारी को बढ़ावा देना रहा। अभियान के तहत महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना नरेगा अंतर्गत कुल 374 नये जॉबकार्ड बनाये गए एवं 201 नये कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है, जिससे ग्रामीणों को रोजगार और संसाधनों का संरक्षण दोनों सुनिश्चित हो सकें। यह कार्य जल संरक्षण, सिंचाई सुविधा, सामुदायिक परिसंपत्तियों के निर्माण तथा रोजगार सृजन की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।
इसी क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत 20606 आवास प्लस सर्वे कार्य एवं 494 पात्र लाभार्थियों को आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिससे उन्हें स्थायी व सुरक्षित आवास उपलब्ध हो सकेगा। यह ग्रामीण क्षेत्र में आवासीय असुरक्षा को दूर करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 381 नवीन व्यक्तिगत शौचालयों की स्वीकृति दी गई है, जिससे स्वच्छता मिशन को बल मिला है और खुले में शौच की प्रवृत्ति पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त वर्षा जल संचयन, पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष जनजागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया।
इन शिविरों में विशेषज्ञों द्वारा ग्रामीणों को जल प्रबंधन, हरियाली बढ़ाने तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। पौधारोपण अभियान में स्कूली बच्चों, महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इन कार्यक्रमों में ग्रामीण समुदायों की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे पर्यावरण के प्रति जन चेतना में वृद्धि देखी गई।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विशेष आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय नागरिकों ने खुले मैदानों में सामूहिक योगाभ्यास किया। इस अवसर पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। धरती आबा के विचारों के अनुरूप, जनसमूहों ने एकत्र होकर योग किया और ड्रोन कैमरों के माध्यम से सामूहिक फोटो लिए गए। इस दृश्य ने जन भागीदारी और सामूहिक चेतना का प्रतीक बनकर धरती आबा के संदेश को मजबूती से प्रस्तुत किया।
धरती आबा जनभागीदारी अभियान न केवल सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने का माध्यम बन रहा है, बल्कि यह समाज में सामूहिक उत्तरदायित्व, प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान और सतत विकास की भावना को भी मजबूती दे रहा है।
जिला प्रशासन की यह अभिनव पहल, जिसमें योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन, पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता का समावेश है, एक सशक्त, समावेशी और सतत विकासशील समाज की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही है। यह अभियान दर्शाता है कि जब प्रशासन और जनता साथ मिलकर कार्य करते हैं, तब परिवर्तन अधिक प्रभावशाली और स्थायी होता है। धरती से जुड़े आदिवासी मूल्यों और आधुनिक विकास के संतुलन को प्रतिबिंबित करता है। जनभागीदारी से प्रेरित यह पहल न केवल सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को बढ़ा रही है, बल्कि समाज में सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना भी सुदृढ़ कर रही है।