0 ट्रेनों की आवाजाही से शहरी क्षेत्रों में भी फैल सकता है कोरोना
0 दुकानों में भी नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंस का पालन, बाजार में बढ़ रही भीड़
0 सतर्कता और सावधानी जरूरी नहीं तो शहर में बन सकती है भयावह स्थिति
बसन्त शर्मा, संवाददाता
राजनांदगांव। देश सहित कई राज्यों में कोरोना ने अपनी दस्तक दे दी है। हर राज्य से रोज कोरोना के नए-नए केस सामने आ रहे हैं । जिससे कई राज्य रेड जोन में आ गए हैं। जिसके कारण वहां अति आवश्यक वस्तुओं के अलावा अन्य सभी स्थानों पर पूर्ण डाउन कर दिया गया है। इससे छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है। यहां भी रोज नए-नए केस सामने आ रहे हैं और छत्तीसगढ़ के कई जिलों के ब्लॉक रेड जोन में शामिल हो गए हैं। यहां प्रवासी मजदूरों द्वारा रेड जोन से आने के कारण उन पर संक्रमण का खतरा मंडराता दिख रहा है और कई प्रवासी मजदूर कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
राजनांदगांव जिले में भी कोरोना के अब तक 35 मामले सामने आए हैं जिसमें सभी मामले प्रवासी मजदूरों के हैं । इनमें से सिर्फ एक ही ऐसा मामला सामने आया है जो प्रवासी मजदूर का नहीं है। वह केस बागनदी में ड्यूटी कर रहे हैं एक अधिकारी के ड्राइवर का है। इसके अलावा जितने भी केस मिले हैं सभी के प्रवासी मजदूरों के हैं। अब खतरा और भी बढ़ता नजर आ रहा है, क्योंकि 1 जून से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है। जिसमें प्रवासी मजदूरों के अलावा रेड जोन से आने वाले कई शहरी यात्री भी शामिल होंगे, जो गांव के अलावा शहर में निवास करने वाले लोग होंगे । जिसके कारण गांव के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। क्योंकि जिस हिसाब से लॉक डाउन खोला गया है और लोगों द्वारा सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा रहा है तथा बाजार में जो भीड़ देखने को मिल रही है । उससे तो साफ जाहिर हो रहा है कि कोरोना का संक्रमण आगे अपना रौद्र रूप दिखा सकता है। लोगों को अब जागरूक होना चाहिए और सोशल डिस्टेंस के अलावा यदि अति आवश्यक काम हो तो ही घर से बाहर निकलना चाहिए । लेकिन शहर में यह देखने को मिल रहा है कि लोग बगैर काम के ही घूम रहे हैं और शाम 6:00 बजे के बाद लॉक डाउन होने के बावजूद वाकिंग करते नजर आ रहे हैं। जिससे भी शहर में कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराता नजर आ रहा है।
