राजनांदगांव। 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहेब आम्बेडकर ने बौद्ध धम्म की दीक्षा लिये थे, वह दिन अशोका विजयादशमी का दिन था। नागपुर के दीक्षा भूमि में भंते चंद्रमणि द्वारा त्रिशरण एवं पंचशील ग्रहण कर दीक्षा ली थी, उसके पश्चात् उपस्थित लाखों अनुयाइयों को उन्होंने स्वयं दीक्षा प्रदान की। इसी परिपेक्ष में बौद्ध कल्याण समिति द्वारा पाली एवं हिंदी अनुवाद वाला कैलेण्डर प्रदान कर उस स्मृति को जीवित करने का कार्य पूरे शहर में प्रत्येक बौद्ध अनुयायियों के घर तक पहुंचाने का अभियान प्रारंभ किया गया है। इसी के तहत इस अभियान की शुरूआत गौतम बुद्ध नगर (बीडी कालोनी वार्ड नं 01 नवागांव) से की गई है।
इसी कड़ी में शिव नगर बुद्ध विहार क्षेत्र में त्रिशरण पंचशील कैलेंडर का वितरण समस्त वार्डो में किया जाना है।कार्यक्रम में उपस्थित जिला बौद्ध कल्याण समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र मेश्राम, उपाध्यक्ष दीप रामटेके, महेन्द्र रामटेके, सचिव क्रांति फुले, महिला अध्यक्ष पायल मेश्राम, रचना लोन्हारे, पुष्प लता गणवीर, शीतल रामटेके, रविता लकरा, उत्तमा चंद्रिकापूरे, गौतम नगर वार्ड के अध्यक्ष संजय बागड़े, तुलसीपुर अध्यक्ष महेन्द्र नागदेवे, शिव शंकर गौर, प्रमोद मेश्राम, शशिकांत गणवीर, युवराज मेश्राम, अजय मेश्राम, जिला अध्यक्ष (युवा विंग) प्रितेश कामड़े, जिला उपाध्यक्ष (युवा विंग) आशीष रामटेके, राहुल खोब्रागढ़े, श्रेष्ठ मेश्राम, राहुल श्यामकुंवर, प्रवीण गढ़े, अवनीश रामटेके, योगेश वाडेकर सहित बौद्ध समाज के भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।