रायपुर। जाति जनगणना 2027 पर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, जनगणना के प्रोफार्मा पर विपक्षी नेताओं से भी रायशुमारी हो। सिर्फ जाति के कॉलम से काम नहीं चलेगा। जनगणना शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक पहलुओं पर सर्वे हो। इससे उस व्यक्ति, परिवार और जाति को इसका लाभ मिल सकेगा। अभी सिर्फ यह पता चल रहा है कि सिर्फ जाति का कॉलम होगा।
2026 से जनगणना और परिसीमन पर पूर्व CM श्री बघेल ने कहा कि, जनगणना तब शुरु हो जाए तभी मानना चाहिए। जनगणना में देरी का मतलब है परिसीमन भी खटाई में पड़ेगा। जनगणना के आंकड़े आने में समय लगेंगे फिर परिसीमन आयोग बनेगा। परिसीमन में सीटें बढ़ाने को लेकर बैठकें होंगी, साउथ में इसका विरोध भी है। एक झटके में परिसीमन हो जाएगा ऐसा लगता नहीं है।
तबादला नीति को लेकर उन्होंने कहा कि, अभी सिर्फ शिक्षा विभाग में ही सरकार का पसीना छूट गया। सारा अमला लगा है, फिर भी दफ्तरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। युक्तियुक्तकरण के नाम पर तबदला कर देंगे, फिर विभाग फिर ट्रांसफर करेगा। पहले भी हमने देखा है, ट्रांसफर करते हैं और फिर उसे निरस्त कर देते हैं।
प्रदेश में डीएपी की कमी पर बोले पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, प्रदेश में ट्रिपल इंजन सरकार खाद उपलब्ध नहीं करा पा रही है। खरीफ का धान अभी तक पड़ा है, रबी का धान MSP में लेंगे बोले थे। आज किसान 16-17 सौ रुपए में बेचने के लिए बाध्य हो रहे हैं। आंधी तूफान से फसल को नुकसान हुआ उसका मुआवजा भी नहीं दिए। यदि वर्मी कंपोस्ट बनाए रहते तो डीएपी की कमी से भी फर्क नहीं पड़ता। अब रूस और यूक्रेन के युद्ध का हवाला दे रहे हैं, युद्ध तो हमारे समय भी था। तब तो किसानों को पर्याप्त डीएपी मिल रहा था, अब क्यों नहीं मिल रहा है?