बिलासपुर। बिजली कटौती की समस्या से लोग परेशान हैं। सीएसईबी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। विभाग पहले बिजली बंद करता है और बाद में सूचना भेजता है। शनिवार को कुदुदंड फीडर के उपभोक्ताओं को शाम 3 से 4 बजे तक बिजली बंद रहने का मैसेज मिला। लेकिन बिजली एक घंटे 20 मिनट से भी अधिक समय बाद चालू हुई। विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एसई पीके साहू और एई डीके साहू ने इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया। बिजली कटौती का असर पानी सप्लाई पर भी पड़ा। कुदुदंड पानी टंकी में पांच मोटर पंप लगाए गए।

नल जल विभाग के प्रभारी अनुपम तिवारी ने बताया कि बिजली बंद होने से टंकी पूरी तरह नहीं भर पाई। पिछले महीने आंधी-तूफान के दौरान पांच दिनों तक पेयजल सप्लाई प्रभावित रही।

पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने सीएसईबी पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं से पौने नौ रुपए प्रति यूनिट तक बिजली दर वसूली जा रही है। इसलिए शुल्क के अनुरूप सेवाएं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खराब सेवा और लगातार बिजली कटौती उपभोक्ताओं के साथ धोखा है। पांडेय ने कहा है कि, कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अंबस्ट का यह कहना कि लोड बढ़ने के कारण बिजली बंद हो रही है, न्यायसंगत नहीं है। यह कंपनी की जिम्मेदारी है कि वह पर्याप्त ट्रांसफॉर्मर लगाए और बिजली सप्लाई को निरंतर चालू रखे, लेकिन वह इसमें फेल हो गई है। यह नागरिकों के साथ अन्याय है।

By kgnews

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