युक्तियुक्तकरण पूर्ववर्ती कांग्र्रेस शासन के द्वारा उत्पन्न शैक्षणिक असंतुलन को सुधारने का प्रयास: मधुसूदन यादव
साय सरकार ग्रामीण क्षेत्र के छात्रो को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध
राजनांदगांव | राज्य शासन द्वारा शिक्षा विभाग अंतर्गत किये जा रहे शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का समर्थन करते हुए प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मधुसूदन यादव ने इसे पूर्ववर्ती कांग्र्रेस शासन के द्वारा उत्पन्न शैक्षणिक असंतुलन को सुधारने का प्रयास बताया है। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य मे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर एवं समावेशी बनाने के लिए युक्तियुक्तकरण सर्वथा आवश्यक है एवं कांग्रेस पार्टी द्वारा इस मुददे पर सड़क की लड़ाई के ऐलान को मुद्दाविहिन पार्टी का राजनैतिक स्टंट करार देते हुए कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि, हजारो स्कुल बंद होने एवं शिक्षको के पद समाप्त होने का झुठा भ्रम फैलाकर कंाग्रेस राजनैतिक रोटीयॅा सेकने का दुष्कृत्य कर रही है। स्कूलो मे कार्यरत रसोईया, सफाई कर्मी एवं महिला समूहो को हटाने का कोई निर्देश शासन द्वारा आज पर्यन्त जारी नही किया गया है, और ना ही यूडाईस कोड हटाने का कोई निर्देश शासन स्तर से जारी हुआ है, किन्तु कांग्रेस पार्टी निजी स्वार्थवश तत्संबंध में मिथ्या दुषप्रचार कर रही है।
भाजपा नेता मधुसूदन ने कांग्रेस पार्टी पर यह भी आरोप लगाया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में ग्रामीण एवं दूरस्थ अंचल की शालाओ के शिक्षको का सर्वाधिक स्थानंतरण शहरी क्षेत्रो मे किया गया है जिसके कारण इन क्षेत्रो मे शिक्षको की कमी लगातार बनी हुई थी और इन क्षेत्रो के छात्रो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित होना पड़ रहा था। श्री यादव ने बताया है कि वर्तमान साय सरकार ग्रामीण क्षेत्रो के इन छात्रो को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और छात्रहित मे ही संवदेनशीलता से विचार करते हुए शालाओ एवं शिक्षको का युक्तियुक्तकरण करने का निर्णय लिया है। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा शिक्षा विभाग मे भविष्य मे चरणबद्ध भर्तिया होंगी इस बात की पुष्टि की है।
प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष ने बताया है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की गलत स्थानांतरण नीतियो के कारण ही नगरीय क्षेत्रो के शालाओ में छात्रो के अनुपात में शिक्षको की संख्या अधिक है तथा सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षको की कमी के चलते बच्चो की शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित हो रही थी, जिसके डेमेज कंट्रोल हेतु युक्तियुक्तकरण किया जाना छात्रहित मे अनिवार्य है। इससे ग्रामीण क्षेत्र मे छात्र-शिक्षको का अनुपात न केवल संतुलित होगा अपितु विषय विशेषज्ञ शिक्षको की सुलभता भी ग्रामीण क्षेत्र के छात्रो को उपलब्ध होगी।
श्री यादव ने आकड़ो का हवाला देते हुए बताया है कि राज्य मे 212 प्राथमिक शालाये शिक्षकविहीन एवं 6872 शालाएॅ एकल शिक्षकीय हैं, तथा पूर्व माध्यमिक स्तर पर 48 शालाएॅ शिक्षकविहीन एवं 255 एकल शिक्षकीय है। युक्तियुक्तकरण किये जाने से इन शालाओं में शिक्षकों की सुलभता होगी तथा छात्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा। श्री यादव ने यह भी बताया है कि राज्य के प्राथमिक शालाओं में 7296 शिक्षक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में 5536 शिक्षकों की आवश्यकता है, जबकि राज्य के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में क्रमशः 3608 एवं 1762 शिक्षक ही अतिशेष है, जिनकी युक्तियुक्तकरण करने से ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को तात्कालिक लाभ मिलेगा और इन पदों की पूर्ति के पश्चात् भी शिक्षकों के कई पद रिक्त रह जायेंगे, जिनपर भविष्य में नियुक्तियॉ देकर प्रदेश के युवाओं को रोजगार दिया जायेगा।
छत्तीसगढ़ मे प्राथमिक स्तर पर छात्र शिक्षक अनुपात 21.84 है, तथा माध्यमिक शालाओ में यह अनुपात 26.2 बच्चे प्रति शिक्षक है जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर है। युक्तियुक्तकरण से शिक्षक विहिन विद्यालयो मे शिक्षको की उपलब्धता के होने के साथ-साथ एक परिसर मे एक विद्यालय होने से आधार भूत संरचना मजबूत होगी, जिससे शिक्षा की गुणवता मे वृद्धि होगी तथा एक ही परिसर मे लैब लाइब्रेरी एवं अच्छी बिल्डिग उपलब्ध कराना आसान होगा।
एकही परिसर मे प्राथमिक माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय का सेटप अलग-अलग होने पर विद्यार्थियो को 3 जगह नाम कटाना जोड़ाना पड़ता था किन्तु शालाओ का युक्तियुक्तकरण किये जाने से अधिकांश छात्रो को बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से नही गुजरना पडेगा और बच्चो की पढ़ाई मे गुणवत्ता एवं निरंतरता बनी रहेगी।