– शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रभावी
– पहले 93 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय शाला थी, जबकि अब 1 स्कूल एकल शिक्षकीय
– पहले 9 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय थी, जबकि वर्तमान में सिर्फ 1 स्कूल एकल शिक्षकीय
राजनांदगांव । शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में शिक्षकों एवं शालाओं का युक्तियुक्तकरण प्रभावी साबित होगा। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षक विहिन एवं एकल शिक्षकीय स्कूल थे, वहां युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों की पदस्थापना होने से शिक्षण व्यवस्था बेहतर बनेगी। शासन द्वारा शैक्षणिक स्थिति को सुधारने के लिए युक्तियुक्तकरण का सशक्त कदम उठाया गया है। जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था होने से ग्रामवासियों में खुशी है। विद्यार्थियों की पढ़ाई अबाध गति से जारी रहेंगी एवं स्कूलों के युक्तियुक्तकरण होने से शैक्षणिक सामग्री एवं सुविधाओं का लाभ मिलेगा। जिले में 6 प्राथमिक शालाएं शिक्षक विहिन थी, लेकिन अब सभी शालाओं में युक्तियुक्तकरण के तहत शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई है। वहीं 93 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय शाला थी, जबकि अब 1 स्कूल एकल शिक्षकीय है। इसी तरह पहले 9 पूर्व माध्यमिक शाला एकल शिक्षकीय थी, जबकि वर्तमान में सिर्फ 1 स्कूल एकल शिक्षकीय है। ऐसे स्कूलों के समायोजन से जिनमें छात्रों की संख्या कम है, वहां युक्तियुक्तकरण से विद्यार्थियों को फायदा होगा।
दूरस्थ अंचलों में शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई में बाधा आ रही थी। युक्तियुक्तकरण से इस समस्या का समाधान हो गया है। नगरीय क्षेत्रों में अधिकांश शिक्षकों के पदस्थ होने के कारण आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए एक मजबूत प्रयास किया गया है। जिसके दूरगामी परिणाम दिखाई देंगे। छुरिया विकासखंड के दूरस्थ ग्रामों में शिक्षा की रौशनी पहुंचेगी और बच्चों के भविष्य को एक दिशा मिलेगी। छुरिया विकासखंड के आदिवासी कन्या आश्रम कुहीकला, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पेण्ड्रीडीह, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पडरापानी, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला घोरतालाब, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला छुरिया अंग्रेजी माध्यम सहित अन्य स्कूलों में एकल शिक्षकीय व्यवस्था सुचारू शिक्षण के लिए की गई है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई अच्छी तरह होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के अभिभावकों में भी प्रसन्नता है। बच्चों की शिक्षा को गति प्रदान करने में युक्तियुक्तकरण सहायक एवं कारगर साबित होगी।