सहकारी समितियां के माध्यम से कृषकों को किया जा रहा है उर्वरक का वितरण
मोहला । जिले के 19 सहकारी समितियां के माध्यम से कृषकों को रासायनिक उर्वरक का वितरण किया जा रहा है। जिले के उर्वरक की आवश्यकता अनुसार 53% का भंडारण किया जा चुका है। जिसका वितरण सहकारी समितियां के माध्यम से कृषकों को किया जा रहा है । शेष 47% ऊर्वरक का भंडारण भी अति शीघ्र कराया जाएगा। धान की खेती हेतु डीएपी आवश्यक है, यह भ्रामक जानकारी है। उल्लेखनीय है कि डीएपी खाद का ज्यादा उपयोग करने से मृदा अम्लीय हो जाता है। जिसके कारण पौधे, मृदा में उपस्थित सूक्ष्म तत्वों को शोषित नहीं कर पाता है।
जिसका विपरीत प्रभाव उत्पादकता पर स्पष्ट रूप से होता है। वर्तमान में सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक का पर्याप्त भंडारण सभी समितियां में उपलब्ध है। कृषक धान बोनी के समय सुपर फास्फेट खाद का उपयोग कर सकते हैं । जिससे सल्फर एवं कैल्शियम तत्व भी पौधों को मिलता है। जिससे मृदा की दशा में सुधार होकर उसकी उर्वरकता में वृद्धि होती है। जिले के किसानों से आग्रह किया गया है कि डीएपी के स्थान पर वैकल्पिक खाद का उपयोग करें एवं किसी भी प्रकार की अफवाह से स्वयं को दूर रखें। आवश्यकता होने पर कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर अन्य जानकारी प्राप्त सकते हैं।