बलरामपुर। गरीबी और संसाधनों की कमी भी किसी के सपनों को रोक नहीं सकती अगर मेहनत और जज्बा सच्चा हो। ऐसा ही कर दिखाया है बलरामपुर जिले के राजपुर निवासी शौर्य कुमार सोनी ने। आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे शौर्य ने प्रयास आवासीय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले और अपने परिवार का नाम रोशन किया है।

शौर्य के पिता एक साधारण चाय ठेले का संचालन करते हैं और समोसे बेचकर घर का गुजारा करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे को बेहतर शिक्षा देने का सपना देखा और उसे साकार करने के लिए दिन.रात मेहनत की। शौर्य हर दिन 20 किलोमीटर दूर जाकर प्रयास आवासीय विद्यालय की कोचिंग में भाग लेता था। उसके पिता ने कठिन हालातों में भी उसका मनोबल कभी टूटने नहीं दिया।

शौर्य की इस उपलब्धि पर पूरे जिले में खुशी की लहर है। उसे परीक्षा में 100 में से 86 अंक प्राप्त हुए हैं, जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक हैं। यह सफलता शौर्य की कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और उसके माता-पिता के समर्पण का परिणाम है। शौर्य ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उसने कहा कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनना चाहता है ताकि अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सके और समाज की सेवा कर सके।

स्थानीय लोगों ने भी शौर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब एक गरीब परिवार का बच्चा सफलता की ऊंचाइयों को छूता है तो वह पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन जाता है। शौर्य की कहानी यह साबित करती है कि सच्ची लगन और मेहनत से कोई भी सपना साकार किया जा सकता है।

By kgnews

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