एक किशोरी को प्रेमजाल में फंसाकर उसे भगा ले जाने के बाद उसकी आबरू से खिलवाड़ के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अनाचारी को 20 बरस के लिए जेल भेजते हुए उसे 7 हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित भी किया है। न्यायालय सूत्रों के मुताबिक मूलतः कोरबा जिले के पाली थानांतर्गत ग्राम सागर-सीस निवासी विकास महंत बजरंगपारा 27वर्ष खरसिया के दर्री पार में रहता था।

विगत 15 नवंबर 2020 की तकरीबन शाम 4 बजे दर्रीपार की एक 13 वर्षीया बालिका परिजनों को बगैर कुछ सूचना दिए अचानक कहीं चली गई। फिक्रमंद परिवार ने खोजबीन की तो पता चला कि उनके घर आने-जाने वाला विकास भी गायब है। ऐसे में उन्होंने थाने की शरण ली। पुलिस ने गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करते हुए सघन पतासाजी की तो दो रोज बाद किशोरी के साथ विकास मिला। नाबालिग ने बताया कि शादी का प्रलोभन देकर विकास भगा ले गया और -उसके साथ दुष्कर्म किया।

पीड़िता की मां की रिपोर्ट पर खरसिया पुलिस ने धारा 363, 366, 376 और धारा 4, 6 लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 2012 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी को गिरफ्तार करते हुए उसे न्यायालय में पेश किया।

दूसरी तरफ नाबालिग वाला से कुकर्म के इस संवेदनशील मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट की विद्वान जज श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने घटना से जुड़े सभी पहलुओं, सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलों को गंभीरता से सुनने के बाद आरोपी सिद्ध होने पर विकास महंत को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई, साथ ही 7 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडति किया है। वहीं नियत समय मे अर्थदंड की राशि चुकता नहीं करने पर मुल्जिम को 6 महीने अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा। इस प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की।

By kgnews

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